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इस तरह के उलझनों और शिकायतों से सिर्फ रतन ही अकेला नहीं, घर-भर के हम सभी अभ्यस्त हो गये थे; इसलिए, वह भी जैसे चुप रह गया मैं भी वैसे ही ...